- माता-पिता की STARDOM से निकलने का दबाव।
- तुलना और आलोचना
- सोशल मीडिया का दबाव
- नेपोटिज्म का टैग
माता-पिता की STARDOM से निकलने का दबाव।
दोस्तों लोग Star kids को अलग ही नज़र से देखते है वो सोचते है इनके लिए सब आसान है और होता भी है। मिडिल क्लास इंसान को बॉलीवुड में पहचने में जितना टाइम पैसे और मेहनत लगती है। पर वही Star kids वह तक आराम से पहुंच जाते है। देखा जाये तो उसमे कोई बुराई नहीं है। अगर आपके फादर होते आप उस पोजीशन में होते तो शायद आप भी वही करते जो वो लोग कर रह है। अब बात यहाँ आती है की हमारा स्ट्रगल और उनका स्ट्रगल काफी अलग है आपको सब स्टार्टिंग से करना होता है। वही उनको हर बार यही साबित करना पड़ता है। की वो वह बॉलीवुड industries में अपने माता पिता के वजह से नहीं है। चाहे वो सारा अली ,अली भट्ट या जानवी कपूर हो। कभी कभी ये दबाव उनके मानसिक हेल्थ पर भरी पड़ता है।
तुलना और आलोचना
दोस्तों आये दिन Star kids की हमेशा उनके माता-पिता से तुलना की जाती रही है।अगर उनकी मूवी में उनका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं होता या उनकी मूवी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा Collection नहीं करती है तो समझो उनकी शामत आगयी। तो लोग ऑडियंस यही कहने लगते है। की सिर्फ अपने माता पिता के नाम की वजह से फिल्मो में चांस मिल रहा है। ये आलोचनाएं उन सब को मानसिक रूप से परेशान करती है। और कई बार वो अपने स्किल और खुद पर भी शक करने लगते है।
सोशल मीडिया का दबाव
एक वो वक़्त था जब सिर्फ यही पता चल पता था की कोनसी मूवी कब रिलीज़ हो रही है। पर सोशल मीडिया के जामने में सुपर स्टार हो या उनके बच्चे सब पर बारीकी से नज़र रखी जाती है। बात करे मानसिक कारन का तो सोशल मीडिया एक बड़ा रीज़न है। Star kids की हर हरकत सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है। लाखों लोग उनकी हर छोटी-बड़ी चीज पर नजर रखते हैं अपने कई बार देखा भी होगा चाहे वो प्रमोशन टीवी शोज या इंटरव्यू हो लोग उनकी हर बात को आड़े हाथो लेते है ऑडियंस उनको ट्रोल करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है।खुद को हमेशा परफेक्ट दिखने का दबाव हमेशा बना रहता है।
नेपोटिज्म का टैग
नेपोटिज्म भाई रिलेशन का टैग Star kids पर हमेशा लगा रहता है। उनकी फिल्मे अछि जाये या उनकी परफॉर्मेंस फिल्मो में कितनी भी अछि हो कुछ लोग तो यही कहते है।की उन्हें ये मौका सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि वे किसी बड़े सुपरस्टार के बच्चे हैं। हलाकि कुछ Star kids ने अपनी परफॉमेंस से लोगो को अपना बनाने में कामयाब भी रहे है। जैसे रणवीर कपूर आलिया भट्ट ऑडियंस से कनेक्ट करने में सफल हो पाए पर इनको भी स्टार्टिंग में नेपोटिस्म ट्रॉल्लिंग का सामना करना पड़ा था कोई भी नेपोस्टर खुल कर इस पर नहीं बोलता है पर कही न कही Camera के पीछे उनको मानसिक तोर पर स्ट्रगल करना पड़ता है। वैसे अब कुछ एक्ट्रेस इस पर अब खुलके बात करने लगी है। दीपिका पादुकोण और आलिया भट्ट जैसे सितारों ने डिप्रेशन और एंग्जायटी के बारे में बात करके इस टॉपिक पर जागरूकता बड़ाई है। बॉलीवुड Star kids का जीवन भले ही ग्लैमरस लगे, लेकिन उनके सामने मानसिक दबाव भी कम नहीं होता। खुद को साबित करना, आलोचनाओं से निपटना और नेपोटिज्म के टैग से बाहर आना आसान नहीं है।
आशा है ये ब्लॉग आपको पसंद आया होगा हमें अपने विचार और प्रतिक्रया जरूर दे। हम आगे भी आपके लिए कुछ मजेदार और दिलचस्प खबरे लेके आएंगे तबतक के लिए बने रहे हमारे साथ मतलब फ़िल्मी हलचल के साथ।